namantran kya hota hai क्या है mp?
नामांतरण अथवा म्युटेशन (Mutation) एक ऐंसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा संपत्ति का मालिकाना हक स्थानांतरित किया जाता है। namantran तहत संपत्ति पर एक व्यक्ति के स्थान पर दूसरे व्यक्ति का नाम दर्ज किया जाता है। नामांतरण म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109,110 के तहत किया जाता है। नामांतरण की प्रक्रिया एक आसान प्रक्रिया है इसके लिए नामांतरण को समझना जरूरी है । namantran mp में विभिन्न प्रकार का होता है। नामांतरण हेतु मध्य-प्रदेश शासन द्वारा जो व्यवस्था की गई उसे जानना आवश्यक है। सर्वाधिक नांमांतरण की जरूरत उस समय पड़ती है जब हम कोई संपत्ति खरीदते हैं। संपत्ति खरीदने के बाद उस संपत्ति पर नाम दर्ज कराना भी एक प्रक्रिया है। नामांतरण की जानकारी न होने के कारण लोग यहां-वहां भटकते रहते हैं।
आज इस लेख के माध्यम से हम नामांतरण की प्रक्रिया, प्रकार आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
namantran के प्रकार
फौती नामांतरण – सभी वारिसों के हक के आधार पर
इस प्रकार का नामांतरण तब किया जाता है जब कोई खातेदार जिसके नाम पर जमीन थी और उसका स्वर्गवास हो गया हो। इस प्रकार का नामांतरण राजस्व विभाग के द्वारा स्वत: ही किया जाता है। इसके लिए आपको आपके ग्राम के पटवारी को सूचना देनी होती है। इसमें फौत खातेदार के सभी वारसानों को संपत्ति में समान हिस्सा प्राप्त होता है।
फौती नामांतरण – कुछ वारिसों के हक त्याग के साथ-साथ
इस प्रकार का नामांतरण मूल खातेदार के मरने के बाद उसके कुछ वारसानों के द्वारा अपना हिस्सा अन्य वारसानों के पक्ष में छोड़े जाने की स्थिति में किया जाता है।
फौती नामांतरण – वसीयत के आधार पर
इस प्रकार का नामांतरण खातेदार के मरने के बाद उसके द्वारा तैयार की गई वसीयत के आधार पर किया जाता है।
पंजीकृत विक्रयपत्र के आधार पर नामांतरण
इस प्रकार का नामांतरण सर्वाधिक किया जाता है। जब कोई व्यक्ति कोई जमीन खरीदता है तो वह रजिस्ट्री के बाद खरीदी गई जमीन पर अपना नाम दर्ज करवाता है।
पंजीकृत दान पत्र के आधार पर नामांतरण
जब काई संपत्ति दान में दी जाती है तो इस स्थिति में दान प्राप्त करने वाले का नाम दर्ज किया जाता है।
पंजीकृत भूमिविनिमय पत्र के आधार पर नामांतरण
जब दो व्यक्ति आपस में समान मूल्य की संपत्ति को आपस में बदलते हैं तब इस प्रकार का नामांतरण पंजीकृत विनिमय पत्र के आधार पर किया जाता है।
व्यवहार न्यायालय के डिक्री के आधार पर नामांतरण
जब व्यवहार न्यायालय संपत्ति पर किसी व्यक्ति का नाम दर्ज करने का आदेश पारित करे।
नाबालिग से बालिग होने पर नामांतरण
जब किसी भूमि पर खातेदार का नाम नाबालिग के रूप में दर्ज रहता है। 18 वर्ष का हो जाने के बाद उसे बालिग दर्ज किया जाता है। इसके लिए आपको आपकी पंचायत के पटवारी को सूचना देनी चाहिए।
बटाई/बंधक दर्ज करने हेतु नामांतरण
बटाई/बंधक विमुक्त करने हेतु नामांतरण
किसी अन्य प्रकार से हक अर्जन द्वारा नामांतरण
नामांतरण की प्रक्रिया mp | namantran process in mp
मध्यप्रदेश में नामांतरण की प्रक्रिया अत्यंत सरल है। जिसके तहत आम जनता आसानी से नामांतरण हेतु आवेदन कर सकती है। नामांतरण हेतु आप ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको आवेदन फीस के रूप में 100 रूपये देने होते हैं। नामांतरण का आवेदन प्राप्त होने के बाद पटवारी रिपोर्ट ली जाती है। आवेदन करने के बाद आपको एक बार संबंधित तहसील में अपने सभी दस्तावेज लेकर उपस्थित होना पड़ता है। इसके बाद यदि नामांतरण अविवादित होता है तो उसका आदेश तहसीलदार द्वारा 30 से 45 दिन में कर दिया जाता है। विवाद की स्थिति में 6 महीने तक लग सकते हैं।
नामांतरण आवेदन कैसे करें?
नामांतरण हेतु आवेदन के लिए मध्यप्रदेश शासन के द्वारा प्रमुख तीन तरीके की व्यवस्था वर्तमान में की गई है जो इस प्रकार है
RCMS Portal – ऑनलाइन नामांतरण हेतु आपको पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होता है। इसके लिए आपको जमीन से संबंधित दस्तावेज की थोड़ी जानकारी होना आवश्यक होता है। इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है।
संपदा पोर्टल – मध्यप्रदेश शासन द्वारा नई व्यवस्था पंजीकृत भूमि विक्रय हेतु की गई है। इसके तहत सभी रजिस्टर्ड दस्तावेज जैसे विक्रयपत्र, दानपत्र, हकत्याग अन्य को शामिल किया गया है। इसमें यदि आप किसी प्रकार की रजिस्ट्री कराते हैं तो आपका आवेदन स्वत: ही पोर्टल पर दर्ज हो जाता है। इसमें आपको कहीं कोई आवेदन करने की आवश्यक्ता नहीं है।
ऑफलाइन आवेदन – यदि आपके पास कोई ऐंसी बहुत पुरानी संपत्ति है जो अभी तक राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं है तो उसके लिए आपको ऑफलाइन आवेदन करने की आवश्यक्ता पड़ती है। संपत्ति का कोई सत्यापित दस्तावेज जैसे किसी प्रकार की रजिस्ट्री या कोई दस्तावेज, आदेश, की कॉपी आवेदन में संलग्न कर, आपको अपनी तहसील के लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से आवेदन करना चाहिए। यहां आई टी विभाग के द्वारा आपको एक रसीद प्रदान की जाती है। आपका आवेदन निश्चित समय सीमा में निराकरण हेतु दर्ज कर लिया जाता है। आदेश होने के उपरांत आपको आपके नम्बर पर आदेश की एक प्रति प्रदान कर दी जाती है।
किसी भी प्रकार के नामांतरण हेतु आवेदन लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से किया जा सकता है।
नामांतरण हेतु आवश्यक दस्तावेज
- ऑफलाइन के लिए आपको एक आवेदन बनाना पड़ता है।
- सत्यापित दस्तावेज की कॉपी जिसके आधार पर नामांतरण किया जाना है।
- सभी पक्षकारों के शपथपत्र
- तलवाना
- खसरे की सर्टिफाइड कॉपी
- बही खाते की कॉपी
namantran form pdf | रजिस्ट्री नामांतरण हेतु आवेदन, तलवाना, सहमति-पत्र डाउनलोड करें।
namantran format | वर्ड डॉक्यूमेंट डाउनलोड करें व एडिट कर आवेदन तैयार करें
namantran awedan form | सभी प्रकार के नामांतरण आवेदन हेतु यह फॉर्म डाउनलोड करें
नामांतरण पंजी क्या होती है?
नामांतरण पंजी में आपकी भूमि नामांतरण की जानकारी होती है। नामांतरण पंजी में लिखा होता है कि उक्त भूमि किस आधार पर वर्तमान भूमि स्वामि के नाम पर दर्ज की गई। यह एक प्रकार का आदेश होता है।
नामांतरण पंजी कैसे निकाले?
नामांतरण पंजी RCMS पोर्टल पर आदेश ऑप्शन पर क्लिक कर 2018 से अब तक के लिए प्राप्त की जा सकती है। इससे पहले की जो हस्तलिखित होती थी अपनी तहसील अथवा जिला की भू-अभिलेख शाखा में आवेदन कर प्राप्त की जा सकती है।